हेलो दोस्तों हम आज आपके लिए shayari का Gulzar ki shayari (गुलजार की शायरी) कलेक्शन लेकर आए हैं। गुलजार साहब की shayari (शायरी) के बारे में किसको नही पता वो अपने आप मे अलग पहचान रखती है।
गुलजार साहब की बेशकीमती शायरियो में से कुछ चुनिन्दा शायरियों को हम आप तक पंहुचा रहे है उम्मीद करता हूं आपको shayari का gulzar shayari in hindi कलेक्शन पसंद आएगा।
तो आप shayari को अपने दोस्तों, फैमिली और प्रियजन के साथ share कर सकते हैं, comment section मैं comment करके जरूर बताना आपको Gulzar ki shayari (गुलजार की शायरी) कलेक्शन कैसा लगा।
हमने नीचे दिए गए टॉपिक पर आपके लिए gulzar shayari कलेक्शन लिखा है।
Gulzar shayari in hindi
मैं जिम्मेदारियों में उलझा सख्स, मेरी रजा क्या होगी, कातिल में खुद की ख्वाहिशों का, मेरी सजा क्या होगी। |
जिंदगी की राहो में मिलेंगे तुम्हें हजारों हमसफर, लेकिन उम्र भर भूल ना पाओगे वो मुलाकात हूँ मैं। |
हसरतें दफन है मुझ में, खुद का खुद मज़ाक हूँ मैं। |
हादसे यूं अचानक नहीं हुआ करते, बरसों से इंतजार रहता होगा वक्त को। |
शिक़वे इतने की किताब लिख दूँ, सबर इतना है कि लफ़्ज़ भी ना कहूँ। |
उन्हे गुमान था की हम कुछ जानते नहीं, हमें ख़बर थी कि वो रास्ता बदल रहें हैं। |
लहराती जुल्फे कजरारे नैन, और रसीले होंठ, मोहतरमा बस कत्ल बाक़ी है, औजार तो तुम पर पूरे है। |
किसी ने पैसों को चुना किसी ने सपनो को चुना, हम थोड़े खुदगर्ज थे हम ने अपनो को चुना। |
हौसला बस इतना अलग है की कयामत तक, कहानी में सबकुछ संभव है। |
मैंने जी कर गुजारा है वो लम्हा जहां लोग, उलझ कर दम तोड़ देते है। |
घमंड की बीमारी शराब जैसी है, साहब खुद को छोड़कर, सबको पता चलता है कि इसको चढ़ गयी है। |
और फिर हमने अपने मेहबूब से, उसके मेहबूब की भी बातें सुनीं। |
अपने आप को बनाने के लिए, अपने आप को दाव पर लगाना जरुरी है। |
हर किसी को विरासते नही मिलती, सम्राज बनाने के लिए, थकान को भी थकाना पड़ता है। |
उम्र भर जो हासिल ना हो, शायद उसी को इश्क़ कहते है। |
कोई साथ रह कर दूर हैं तो, कोई दूर रह कर भी साथ हैं। |
जब समझ ना सके ज़ज्बात से, तो क्या समझोगे बात से। |
हिदायतें आत्मसम्मान की, हिफाज़त नही कर सकती है, तबाही के बदले तबाही ही, इकलौता सुकून पहुँचा सकती है। |
निरंतर अभ्यास तय करेगा, की तख्तापलट कितना मशहूर होगा। |
वक्त एक ऐसी अदालत है कि खुद ही, एक दिन सब अपने गुनाहों की गवाही देंगे। |
Gulzar shayari | गुलजार की शायरी
मुझे फिर तबाह कर मुझे फिर रुला जा, सितम करने वाले कही से तु आ जा। |
आँख भर कर देखते हो तुम जिसे, वो एक दिन तुम्हारी आँख भर कर जाएगा। |
ना हम बता पाते हैं और ना वो समझ पाते हैं, कुछ प्रेम कहानियां ऐसे भी अधूरी रह जाती हैं। |
नासमझ है वो अभी मेरी बात नही समझेगा, मेरी जगह नही है ना मेरे हालात नहीं समझेगा। |
दूरी में ही परखे जाते हैं रिश्ते, आँखों के सामने तो सभी वफ़ादार होते हैं। |
फ़ैसला कर लिया है मेरे दिल ने, मुझे बस तुम्हारे दिल में ही रहना हैं। |
कागज़ रोते नहीं बस रुला देते है, चाहें वो प्रेमपत्र हो रिजल्ट हो, या फिर मेडिकल रिपोर्ट। |
काश तुम पूछो मुझे क्या चाहिए, मैं पकडू हाथ आपका और कहूं, तेरा साथ चाहिए। |
नादान सी मोहब्बत है हमारी, कभी तुम नाराज हुए निभा लेना, हम झुक जाएंगे, कभी हम नाराज हुए तो तुम, सीने से लगा लेना। |
कम बोलने वाले लोग सिर्फ, पसंदीदा लोगो के सामने ज्यादा बोलते हैं। |
माफ करना और शांत रहना सीखिए, ऐसी ताकत बन जाओगे की पहाड़ भी रास्ता देंगे। |
हमारे रिश्ते की एक शर्त है, मुझे सब बता देना पता लगने से पहले। |
अगर हम किसी की वजह से परेशानी में आए, तो उनकी जिन्दगी परेशानी में लाना, हमारा परम कर्त्तव्य है। |
झूठे रिश्ते मैने किसी से बनाए नही, सच्चे बहुत ढूंढे मगर पाए नही। |
वफादारी खून में होती हैं, सबसे इसकी उम्मीद न करे। |
कड़वा है पर सच है ज़्यादा परवाह करने को, लड़कियां घुटन समझती है। |
बात अगर हमारे स्वाभिमान की आ जाएं, तो याद रखना बहुत बेरहम इंसान हूं मैं। |
तू मेरा था ही नहीं, और मैं सिर्फ तेरा रह गया। |
जो चीज़ ग़लत है वो ग़लत है, चुप रहकर कायर बनने से अच्छा है, कि वहां बोलकर बुरे बन जाओ। |
हम दोनों बराबर के जिद्दी थे हमें पता था, बिछड़ गए तो उम्र भर बात नहीं होगी। |
Gulzar ki shayari | गुलजार की शायरी
जहां देखो मोहब्बत का छाया खुमार है, हां मुझे भी एक शादीशुदा से प्यार है। |
समय ने बुरा बनाया है मुझे वरना एक समय, हम भी सबको अच्छा लगा करते थे। |
जो घट रहा हैं मुझमे वो मैं हूँ, और जो बढ़ रहा है मुझमे वो तुम हो। |
प्यार तो बहुत करता हूं पर, क्या करु जताना नहीं आता। |
इस संसार में खत्म होने जैसा कुछ नहीं होता, आखरी सांस बची हो तब भी, खेल बदला जा सकता है। |
मैंने संभाल रखे हैं वो सारे लम्हें, जिन लम्हों में तुम मेरी परवाह करती थी। |
कोई मेरे बारे में गलत कहें तो उससे पूछना, ठीक से जानते हो या यूं ही मन हल्का कर रहें हो। |
अगर सब मेरे खिलाफ हैं, तो सबको हारना होगा। |
जिंदगी जला दी हमनें जैसे जलानी थी, अब धुएं पर तमाशा कैसा, और राख पर बहस कैसी। |
मेरे किरदार से वाकिफ होने की कोशिश ना कर, हमें समझने में दिल लगेगा और तुम दिमाग़ वाले। |
मुस्कराते बहुत हो तुम, कभी खुश भी रह लिया करो। |
उसका दर्द भी तो समझो, जो तुमसे अब कुछ कहता नहीं। |
अब आने वाला वक्त ही बताएगा की, मैं क्यों चुप था। |
कुछ लोग जिधर की हवा है उधर ही चल पड़ते हैं, हालांकि ये काम कचरे का है। |
जिसने जैसा समझा वैसा हूँ मैं, बाकी मेरा रब जानता है कैसा हूँ मैं। |
हमेशा अच्छे लोगो की संगत में रहो, क्योंकि सुनार का कचरा भी, बादाम से महंगा होता है। |
फिदा हुये थे तुम पर तुम्हारी मासूमियत देखकर, यार तुम तो बड़े बेरहम निकले। |
ध्यान रहे मोहतरमा, मैने मौका दिया है माफी नहीं। |
जो चीज आपको CHALLENGE करती है, वही चीज आपको CHANGE करती है। |
पसंद करते हैं लोग शायरी मेरी, मतलब मोहब्बत में बर्बाद मैं अकेला नहीं हूं। |
तो दोस्तों आपको हमारा Gulzar ki shayari (गुलजार की शायरी) कलेक्शन कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताना, और gulzar shayari कलेक्शन को अपने WhatsApp, facebook और Instagram फ्रेंड्स और फैमिली के साथ जरूर शेयर करें।
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