हेलो दोस्तों केसे हो उम्मेद करता हु बेहतर होगे तो हम आज आपके लिए shayari का Zindagi dard bhari shayari कलेक्शन लेकर आए हैं।
Zindagi dard bhari shayari में हमने जिन्दगी में आने वाले खुशी और गम जिन्दगी के उतार चढ़ाव के बारे में लिखा हैं तो उम्मीद करता हूं आपको shayari का जिंदगी शायरी कलेक्शन पसंद आएगा।
दोस्तो आप जिंदगी शायरी कलेक्शन को अपने दोस्तों, फैमिली और प्रियजन के साथ share कर सकते हैं और comment section मैं comment करके जरूर बताना आपको हमारी Zindagi dard bhari shayari कलेक्शन कैसा लगा।
दोस्तो नीचे दिए गए टॉपिक पर हमने आपके लिए Zindagi dard bhari shayari कलेक्शन लिखा है।
Zindagi shayari
ज़िन्दगी कभी आसन नही होती, इसे आसान करना पड़ता है, कुछ नजर अंदाज करके, कुछ को बर्दास्त करके। |
ज़िन्दगी की कुछ मजबूरियों ने हरा दिया, वरना सिर्फ जीतने का शोक था हमें। |
मुझे ज़िन्दगी का इतना तजुर्बा तो नही, पर सुना है सादगी में लोग जीने नही देते। |
हालातों से लड़ते जिए जा रहा हूँ मैं, ज़हर ज़िन्दगी का पिए जा रहा हूँ मैं। |
बड़े होंगे तो जिएंगे जिंदगी अपने हिसाब से, बचपन के इस ख्याल पर अब बहुत हंसी आती है। |
आँखों में आंसू होंठों पे मुस्कान, वाह रे वाह ज़िन्दगी यही तो है तेरी पहचान। |
जीवन हमेशा सही रास्ते पर है, भटक तो हम जाते हैं। |
दर्द ऐसा की जैसे अंदर कोई तूफान उठा हो और, सब्र ऐसा की साथ बैठे शक्स को खबर तक न हो। |
बस बेपरवाह सी जिंदगी पसंद है मुझे, ना किसी का पसंद हूं ना कोई पसंद है मुझे। |
लिखना तो ये था कि खुश हूँ तेरे बगैर भी, पर कलम से पहले आँसू कागज़ पर गिर गया। |
आज जो पसंद है, वो कल नापसंद हो सकता है, आज का सुकून कल का दर्द बन सकता है, क्यूँकि जरूरतें बदलती हैं, लोग बदलते हैं, सपने बदलते हैं, एक जैसा हमेशा नहीं रहता। |
एक बार और हो जाती मुलाकात तुझसे, कुछ बातें हैं जो अब उम्र भर अधूरी रहेंगी। |
में गिरा, उठा, रोया, फिर हंसा, तुम बस हंसे और कितना गिर गए। |
वो लगाव ही था जो छूट गया, और संभल गए तुम प्रेम होता तो, खुद को मुक्त नहीं कर पाते तुम। |
अकेलापन कहता है कोई महबूब बनाया जाय, जिम्मेदारियां कहती है वक्त बहुत खराब होगा। |
मैं लड़ भी नहीं सका खुद के लिए, जब देखा की मुझे हराने मेरे अपने आए है। |
ख्वाहिशे तो बहुत बड़ी-बड़ी है दोस्त, फिलहाल अभी हालात और किस्मत, दोनो के सताए हुए है हम। |
भावुक आदमी जब अपनी भावुकता खोकर, पत्थर होता है तो वो पत्थर से भी ज्यादा, पत्थर होता है। |
घर में सुकून तब मिलता है जब मां हंसते रहे, और पापा tension free रहे। |
अगर जो चाहा है वो नहीं मिला तो एक बार, जो मिला है उसे चाह कर देखो। |
Zindagi shayari in hindi
जो तुझे करीब से देख पाते है, नसीब है नसीब से देख पाते है। |
तकलीफ देने के बाद जताई गई Mohabbat, और नजर अंदाज करने के बाद दी गई, एहमियत कोई मायने नहीं रखता। |
जो तुम्हें रोता छोड़ कर सो सकता है, याद रखना वो तुम्हें खो कर कभी नहीं रोयेगा। |
कभी कभी शब्द नहीं होते, तकलीफ़ बताने को, बस दिल करता है कोई समझ ले, संभाल ले, गले लगा ले। |
अक्सर अच्छे-अच्छे रिश्ते टूट जाते हैं क्योंकि, हम बुरा याद करते है और अच्छा भूल जाते हैं। |
घुटन बस भीड़ मै ही नहीं होती कभी कभी, अपने घर मै भी होने लगती है। |
आप हंस सकते है मुझपर क्योंकि, आप पर बीती जो नहीं है। |
जो मिल जाता है, वह आम हो ही जाता है, ख़ास वही है जो काश में है। |
मुर्शद से जब पूछा इश्क की हद्द क्या है, मुस्कुरा के बोले महबूब के, महबूब से भी इश्क करो। |
लोगों को शौक है दरारों में झांकने का, दरवाजा खुला छोड़ दो तो कोई, हाल तक पुछने नहीं आता है। |
Emoji में हंसना आसान हैं, असल में मुस्कुराना बहुत मुश्किल। |
एक था उसका भी अंत हो गया, जिस दिल को सरारत पसंद था, वो संत हो गया। |
साँस मत लो दुनिया क्या सोचेगी। |
हमारी माँ से बेहतर हमें, कोई नही समझ सकता। |
किसी को अधूरा पाने से बेहतर है, उसे पूरा खो दिया जाए। |
कुछ तारीखें, ज़ख्म ताजा कर देती हैं। |
हम कितने भी बड़े हो जाएं, पर बचपन से छोटे ही रहेंगे। |
वो जिनके लिए हम इतना सोचते है, काश वो हमारे लिए इतना सा ही सोच लेते। |
सपनो से ज़्यादा ज़िम्मेदारियां, शहर छोड़ने पर मजबूर कर देती है। |
मुद्दतों बाद मैं गुज़रा उस गली से, जहां कभी ठिकाने हुआ करते थे। |
Zindagi dard bhari shayari
बड़ा भारी होता है वो आँसू का क़तरा, जो आँखों में ही रह जाता है। |
ज़िंदगी का हर लम्हा तजुर्बा बनता जा रहा है, कोई अजनबी अपना तो कोई अपना, अजनबी बनता जा रहा है। |
तुम जिसे झुर्रियाँ कहते हो, मैं उसे तजुर्बे की रेखाएं कहता हूं। |
पड़ ही रहे थे बचपन अपना, की जिम्मेदारियों का इम्तेहान आ गया। |
शाम का क्या है गुज़र जाएगी, मसला तो रातों का है। |
शौंक ही नहीं रहा कि अब मैं, ख़ुद को साबित करूं अब तो आप जो समझ लें, बस वही हूं मैं। |
अपने गुजरे हुए आयाम से नफ़रत है मुझे, अपनी बे-कार तम्मानाओं पर शर्मिंदा हूं मैं। |
जिंदगी नहीं रूकती किसी के बगैर, बस उस शख्स की जगह हमेशा खाली रह जाती है। |
वक़्त से पूछ कर बताना, जख्म क्या वाक़ई भर जाते हैं। |
मुझे गुनहगार साबित करने की ज़हमत ना उठा, बस ख़बर कर दे क्या क्या कुबूल करना है। |
समझाने की भी इक हद होती है, वो जिन्हें जाना होता है या तो समझ लेते है, या फिर समझा देते है। |
कभी आस ना लगाना उनसे, जिनसे इश्क़ करते हो। |
हम भूख के पले बच्चे हैं , एक दिन आएगा हम सबकुछ खाएंगे, अब जब घर से निकले है तो, इतिहास लिखकर ही जाएंगे। |
जो पत्ते शाख़ से उतर जाते हैं, फिर वो पैरों में ही रौंदते नज़र आते है। |
सारी ज़िंदगी इसी फ़िक्र में गुज़र गई, की ज़िंदगी कैसे गुज़रेगी। |
वो जिनके दिल बड़े साफ होते है, यार सबसे ज़्यादा इस्तेमाल भी यही होते है। |
अब उम्मीदें छोड़ दी हैं मैंने सब से, जो चल रहा है जैसा चल रहा है सब सही हैं। |
अच्छाई पर इतने सितम ढाये जाते है, लोग बुरे होते नही बुरे बनाये जाते है। |
कभी कभी खुद की बहुत याद आती हैं। कितना खुश रहता था मैं पहले। |
काफी पुराने जमाने का दिल है मेरा, इसे जिस्मों वाली मोहब्बत समझ नहीं आती। |
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