Top 100+ Hasi shayari

हेलो दोस्तों तो कैसे हो आप सब मैं उम्मीद कहता हूं बहुत अच्छे होंगे। तो आज की shayari हमने Hasi shayari पर लिखी है। यह hasi shayari आपको बहुत पसंद आएगी। इस hasi shayari को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलिएगा नीचे दिए गए टॉपिक पर हमने shayari लिखी है।

Hasi majak shayari

meri hasi shayari
meri hasi shayari
हंसते रहा करो, उदास रहने से,
कौन सी जिंदगी की परेशानियां सही हो जाएगी।
मेरी हँसी पर मत जा,
न जाने इसने मेरे कितने ही गमों को,
अपने अंदर छिपा कर रखा है।
चेहरे पर हंसी और दिल में खुशियाँ रखता हूँ,
गरीब हूँ साहब पर जिंदगी हंस के जीता हूँ।
मेरी इस खुशनुमा जिन्दगी पर असर,
बस तेरी इस छोटी-सी हंसी का है।
आपको नहीं पता कितनी कीमती है आपकी हंसी,
आपकी मुस्कान में ही ढूंढता हूं मैं अपनी खुशी।
हँस कर हम जिन्दगी हर पल बिताते है तभी,
गमों में भी हम सिर्फ हँसते हुए नज़र आते है।
अपनी हसी को यूं ही रहने देना,
कभी इन आंखों से आंसूओं को बहने न देना।
आपकी हंसी में है एक,
नशीली कोमलता लगता है,
अब इसके बगैर मैं इत्मीनान से,

जी नहीं सकता।
आपकी मासूमियत मै,
एक हसीं झलकती है,
मौजूद हो जहाँ भी आप वहा,

हर महफिल महकती है।
आँख का आँसू तो,
हर कोई बन जाता है यहाँ पगले,
हम तो बस तेरी,

मुस्कराहट बनने की आरज़ू रखते है।
hasi shayari
hasi shayari
इस हंसी के पीछे दर्द छुपा है,
तुझे क्या पता ये दिल कितना दुखी है।
कमबख्त कल की फिक्र में,
आज की हंसी बर्बाद हो रही है।
जीते है सुकून से ना कोई दुख ना गम रहता है,
अपने तो लबों पर हंसी का मरहम रहता है।
तुम्हारी हँसी मैं ही तो मेरी जान बसती है।
लड़की की हँसी या कुट्टो की खामोशी पार,
कभी भरोसा नहीं करना चाहिए।
तुम्हारे साथ गई जो खुशी नहीं आई,
फिर उसके बाद लबो पर हंसी नहीं आई,
बिछड़ते वक़्त बहुत नाज़ था उससे खुद पर,
के मेरी आँख में अभी तक नमी नहीं आई।
हमारी हंसी मिटाने के चक्कर में,
ना जाने कितनों का वजूद मिट गया।
आज इतने दिनों बाद हंसी आयी भी,
तोह अपने हे हाल पे।
हंसी आती है ये सोच कर,
क्या लोग सच मैं प्यार करते भी है आजकल।
मेरा दर्द सिर्फ में जानता हु,
तुम ने तो सिर्फ मेरी हंसी देखी है।

Hasi wali shayari

hasi majak shayari
hasi majak shayari
में खुश हूँ कि मुझको जला के तुम हसीं तो सही,
मेरी न सही तुम किसी के दिल में बसी तो सही।
अब तो बस हंसी आती है, जब भी कोई कहता है,
मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूंगा।
हजार शिकवे कई दिनो की बेरुखी,
बस उनकी एक हंसी और सब रफ़ा-दफा।
तेरे खातिर कितना रोया था,
अब जो सोचूं तो हंसी आती है।
जिसने मेरी हँसी में भी शिकन तलाश ली,
बारीकियाँ तो देखिये उन निगाहों की।
आँखों की नमी सबके साथ है,
मगर होठों की हँसी के मालिक कुछ ही हैं।
मैंने जब भी रब से सिफारिश की है,
तेरे चहरे पर हंसी की गुज़ारिश की है।
मेरे गुस्से का असर उस पर क्या होगा,
मुझे गुस्से में भी हसी आती है।
बेशुमार जख्मों की मिसाल हूं मैं,
फिर भी हंस लेता हूं ऐसा कमाल हूं मैं।
हंसते दिलो में गम भी है,
मुस्कुराती आंखें कभी नम भी हैं,
दुआ करते हैं आपकी खुशी कभी ना रुके,
क्योंकि आपकी हंसी के दीवाने हम भी हैं।
hasi majak shayari
hasi majak shayari
बताऊ तुम्हें एक निशाना टूटे हुए लोगो की,
कभी गौर करना “ये हस्ते बहुत हैं”।
मेरे चेहरे पे थेहरी ये हंसी तुम हो।
तुम्हारी हँसी में ही मेरी मुस्कान है,
तुम्हारी धड़कन में ही मेरी जान है।
मेरा दुख तो रब को पता है,
सिर्फ तुमने तो बस मेरी हंसी देखी है।
हंसी अजाती है ये सोच कर के,
हम तुझ जैसे के लिए रोये थे।
अब तो कुछ बुरा भी होता है,
तो सबसे पहले हंसी आती है।
इस हसी के पीछे दर्द छुपा है,
तुझे क्या पता ये दिल कितना दुखा है।
आँख खुलते ही जिसका ख्याल आये,
ऐसा हंसी ख्वाब हो तुम।
अगर जान जाओ तुम मेरी अज़ीयत,
मेरी हँसी पर तुमको तरस आयेगा।
जरूरी नही हर कोई रो कर ही दिखाए,
दर्द तो हसी मे भी छुपा होते हैं।

Meri hasi shayari

hasi majak shayari
hasi majak shayari
मेरे होठों की हँसी मोहब्बत झुठलाएगी,
अगर आँखों में सूरत तुम्हारी ही नज़र आएगी।
जिनकी हंसी खुबसूरत होती है,
उनके ज़ख्म काफ़ी गहरे होते हैं।
ना जाने कितने लोग रात को रो रो कर सो जाते हैं,
और फिर सुबह उठकर दुनिया के सामने,
झूठी हसीं का सहारा लेकर,
सब की हंसी की का खयाल रखते हैं।
झूठी हँसी पहने फिरता हूँ, चेहरे पर आजकल,
तुम होते तो, कब का पहचान लिया गया होता।
मुस्कुराहटें झूठी भी होती हैं,
तभी इंसान को देखना नहीं समझना सीखो।
झूठी हंसी का हुनर सीख लो,
जिंदगी बड़ी आसान हो जाएगी।
झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया,
इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते।
मैं झूठी हंसी रखता हूँ चहेरे पर तो,
लोगों को लगता है,
मैंने कुछ खोया नहीं,
खोया तो मैंने भी है,
बस मैं सारी दुनिया के सामने कभी रोया नहीं।
कभी कभी ख्याल आता है, क्या होती है ज़िन्दगी,
छोटी छोटी बातों पे नाराज हो जाना,

और ये झूटी हंसी,
अधूरा सा लगता है सबकुछ सब साथ होके भी,
साथ नहीं कुछ अधूरे ख्वाब कुछ अधूरे सपने।
मैं “अकेला” तो नहीं हूं,
“शाम” के साथ “तन्हाइयां” लेकर,
और भी कुछ “लोग” यहाँ, नज़र आ रहे हैं,
चेहरे पर झूठी हँसी लेकर।
hasi shayari
hasi shayari
न जाने क्यों चुभती है मेरी बातें,
लोग चाहते है हमसे झूठी तारीफे |
सुनो हां तुम तुम्हारी इस झूठी,
फिक्र से घुटन होती है,
इससे अच्छा हो कि,

तुम सच्ची नफ़रत ही करो।
उदास रहना किसे पसंद है साहब बस कुछ हादसे,
चेहरे की मुस्कान छीन लिया करते हैं।
चुप रहोगे तो बात कौन करेगा,
हम नहीं रहे तो याद कौन करेगा,
माना की हम इतने अच्छे नहीं हैं,
पर हम नहीं रहे तो आपको परेशान कौन करेगा।
आइना कोई ऐसा बना दे ऐ खुदा जो,
इंसान का चेहरा नहीं किरदार दिखा दे।
खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते हैं,
हँसती आँखो मे भी ज़ख्म गहरे होते हैं।
सब कहते है कि मोहब्बत सुकून देती है,
हकीक़त में तो मोहब्बत हँसते खेलते इंसान को,
ज़िंदा लाश बना देती है।
समंदर मे ले जा कर फरेब मत करना,
तू कहे तो किनारे पर डूब जाऊँ मै।
टूटी चीज हमेशा परेशान करती है,
जैसे दिल, नींद, भरोशा और,
सबसे ज्यादा किसी से उम्मीद।
बेबसी मे बसर गया जीवन,
सफर पुरखार था, फिजाओ मे टकरार थी,
किसी ने कैफियत तक नहीं पूछा,
क्योंकि उनकी नजरो में हम खामियाजा थे।

Hate Shayari

meri hasi shayari
meri hasi shayari
जिंदगी एक हसीन ख्वाब हैं,
इसमे जीने की चाहत होनी चाहिये,
गम खुद-ब-खुद खुशी में बदल जायेगा,
सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिये।
खामोश बैठे हैं तो, लोग कहते हैं,
उदासी अच्छी नहीं, और ज़रा सा हंस लें तो,
लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते है।
आपकी हंसी में है एक नशीली कोमलता लगता है,
अब इसके बगैर मैं इत्मीनान से जी नहीं सकता।
हम अकेले रहने वाले लोग,
किसी की मेहफ़िलों से क्यों जलेंगे।
जीना हराम कर रखा है मेरी इन आँखों ने,
खुली हो तो तलाश तेरी, बंद हो तो ख़्वाब तेरे।
अच्छी थी कहानी पर अधूरी रह गई,
इतनी मोहब्बत के बाद भी दूरी रह गई।
आपका कुछ दिनों का Timepass,
किसी की हसी छीन सकता है।
आखिर तुम भी आईने की तरह निकली,
जो भी सामने आया तुम उसी की हो गई।
जो लड़का बात बात पर हंसता है ना,
कभी उसे गले लगाकर देखना रो पड़ेगा।
वक्त ने छीन ली चेहरे की हसी और चमक,
हम अब वैसे नहीं रहे जैसे हुआ करते थें।
hasi shayari
hasi shayari
बरसात देखनी है तो कभी आओ हमारे शहर,
हमारे यहां रोज आंखे बरसती हैं।
मैं अपनी ख़ुशी खो देता हूँ लेकिन,
हमेशा एक नकली हसी रखता हूँ।
हमारे मरने पर कोई जी भर के खायेगा और,
हमारे दुःख में किसी की रोटी पड़ी रहेगी।
रात भर कर रहे थे चाँद से आपकी तारीफ,
चाँद इतना जला के सुबह तक सूरज हो गया।
कमाल का ताना देती है ये दुनिया मुझे,
अगर वो तेरा है तो तेरे पास क्यों नहीं।
किसी के उतने ही रहो जितना वो तुम्हारा है।
याद सब रखता हुं बस,
याद नहीं दिलाता किसी को।
कुछ ज़ख्म ऐसे होते है,
जो दिखते कम दुखते ज़्यादा है।
मैं जिस हाल में हूं उसमे ही रहने दो,
तुम बरकरार रखो हसी पर मुझे दर्द सहने दो।
खुद पर हमेशा इतराता हूं,
जब भी तुझे हंसते देखता हूं।

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